कापड़ी जैसे हिंजड़ों के पास अफ़वाह फैलाने योग्य विश्व के अनेक युद्धग्रसित देशों के भयानकत्तम फ़ोटो विडियो के भंडार होंगे
जिनको ये समय समय पर अलग अलग हैंडल्स से जारी करेंगे, ये भी एक जंग है जिसको हमें चौकन्ने होकर काऊंटर करना है
सेना ने टार्गेटेड आप्रेशन अंजाम दे दिया है
अब परिस्थियां तेजी से बदल सकती हैं
जो अपने राजनैतिक आकाओं के उकसावे पर युद्ध छेड़ने की पोस्टें पहलगाम हमले के बाद से लगातार कर रहे उनके वाल पर निगाह बनाए रखिए
हर युद्ध की क़ीमत सैनिकों के परिवार के साथ साथ आम आदमी भी चुकाते हैं
वर्तमान भारत की 40% आबादी कारगिल युद्ध के बाद पैदा हुई है, और 70% लोग 1980 के बाद। इसका अर्थ है कि अधिकतर भारतीयों ने कभी पूर्ण युद्ध काल नहीं देखा है।
पूर्ण युद्धकाल यानि केवल सेना ही यह युद्ध नहीं लड़ती, बल्कि पूरा देश उसकी चपेट में आता है, पूरा देश और देश का हर नागरिक युद्ध लड़ता है- आम लोगों, आम जनजीवन पर भी युद्ध का असर स्पष्ट रूप से पड़ता है।
इसलिए ये जानना और समझना बहुत आवश्यक है कि यदि युद्ध होता है और युद्ध लंबे समय की ओर बढ़ता है तो इसका अर्थ क्या होता है, इसका आम जनजीवन पर क्या क्या इफैक्ट पड़ेगा, किन किन समस्याओं, दुश्वारियों का सामना करना पड़ेगा!
युद्ध का अर्थ होता है:
– जान माल का नुकसान
– कभी भी कहीं भी बमबारी
– सड़कों, बिल्डिंगों और आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर का डिमोलिशन
– आम दिनचर्या और जनसुविधाओं में कमी, अन्य बहुत सी नित्य नई कठिनाईयां
– समाचार पत्रों, समाचार माध्यमों और सोशल मीडिया आदि पर हृदय विदारक तस्वीरें और वीडियोज
-- आपके बीच घुसे दुश्मन देश के एजेंट, जासूस देश या आपके आवासीय क्षेत्रों घुसे जेहादी/सांप्रदायिक कट्टरपंथी आपको डिस्टर्ब करने अथवा आपको आघात करके सरकार का ध्यान बांटने के लिए आतंकी गतिविधियां करने का प्रयास कर सकते हैं!
-- आपकी बस्तियों में घुसे बैठे दुश्मन के स्लीपर सेल आपके जल स्रोतों में जहर मिलाकर, बम या अन्य प्रकार से छापामार तरीके से हमले करके देश को अंदर से कमजोर करने का प्रयास कर सकते हैं
-- युद्धकाल में दुश्मन देश के स्लीपर सेल या समर्थक खाने पीने की जहरीली वस्तुओं की बिक्री/वितरण आपकी बस्तियों में करके अस्थिर करने का प्रयास कर सकते हैं
यदि भारत-पाक के बीच बढ़ रहे इस टकराव के परिणाम स्वरूप युद्ध हुआ, तो ये सोशल मीडिया के ज़माने का पहला बड़ा युद्ध होगा!
दुश्मन को प्रोपेगेंडा (झूठ फैलाने) में महारत है, उनके समर्थक और स्लीपर सेल आपके मोहल्लों, कॉलोनियों, गांव, बस्तियों और नगरों में घुसे बैठे हैं, अतः ये लोग आपके बीच ऐसे ऐसे वीडियो, फोटो और बातें प्रसारित करके अफवाह फैलायेंगे कि आप परेशान हों, भ्रमित हों और युद्ध में व्यस्त सरकार के प्रति आपमें असंतोष उत्पन्न हो !
यदि युद्ध शुरू होता है और तेज़ी से बढ़ता है या लंबा खिंचता है तो हमें बीच में कमजोरी का प्रदर्शन नहीं करना है, पीछे नहीं हटना है।
अपनी सेना और सरकार पर विश्वास करते हुए हर परिस्थिति में दृढ़ता से उनके साथ खड़े रहना है।
यदि हवाई हमलों के कारण, इन्फ्रास्ट्रक्चर डैमेज के कारण या अन्य सामरिक कारणों से विद्युत/डीज़ल/पेट्रोल या गैस आदि की सप्लाई में कटौती हो, आपके क्षेत्र में लाइट चली जाए, मोबाइल नेटवर्क बंद हो जाएं, UPI न चले... आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई लाईन बाधित हो जाए या कट जाए और आपके गांव या शहर पर हवाई हमला हो जाए तो घबराइए मत।
अपने मन मस्तिष्क को इन परिस्थितियों के लिए पहले से तैयार रखिए और हमारी सरकार व सेना का मनोबल बढ़ाते रहिए।
युद्धकाल में ऐसे न जाने कितने नए नए खतरे आते हैं
— लेकिन हमें मज़बूत रहना है, एकजुट रहना है और झूठी बातों से भ्रमित नहीं होना है। बल्कि दृढ़ता से अपनी सेना और सरकार को सहयोग करना है। अपने अपने क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था को स्वयं आगे बढ़कर अपने हाथों में लेना है, असामाजिक तत्वों से स्वयं निपटना है। क्योंकि युद्धकाल में सरकार, सेना, प्रशासन और अन्य सुरक्षा बल आपातकालीन सेवाओं में व्यस्त रहेंगे।
सो पूरी ताक़त व मनोबल के साथ डटे रहिए सेना के साथ देश के साथ💐🙏💐
जय हिंद जय भारत