बेअदबी
3:55 PM#बेअदबी
कैसा आत्मघाती खेल खेल रहें हैं कुछ लोग बेअदबी के नाम पर………?
शायद विचार परिवार के सम्मान को कमजोरी समझ बैठे हैं ये लोग!
केवट ने कहा की तुम्हारे पैर की धूल से पाषाण भी बदल जाता है अतः जब तक तुम पैर नहीं धुलआवोगे, तुम्हें नाँव पर नहीं बैठने दूँगा..
और
यह बात उसने साक्षात सच्चिदानंद ईश्वरावतार प्रभु श्रीराम को कही, पर वहाँ बेअदबी नहीं हुयी ।
सबरी, जूठे बेर खिलाती रही प्रभु खाते रहे पर बेअदबी नहीं हुयी ।
सुग्रीव ने परीक्षा लेते हुए कहा की पहले हड्डियों का पहाड़ हटाओ
और
प्रभु ने वह परीक्षा भी दी पर बेअदबी नहीं हुयी ।
श्रीकृष्ण को ऊखल की रस्सी में बंधना पड़ा, हम लोग उसे बड़े ही प्रसन्न मन से पढ़ते सुनते है पर बेअदबी नहीं हुयी ।
मथुरा से रणछोड़ कर भागना पड़ा पर बेअदबी नहीं हुयी ।
सुदामा की पोटली के सूखे चने खा लिए पर बेअदबी नहीं हुयी..
और आज उनके स्थान पर आपका बच्चा हंस दे या भूल से रूमाल भी सरक जाए तो बेअदबी कह दिया जाता है
मार दिया जाता है
काट काट कर टाँग दिया जाता है
बिना ये देखे कि उसकी मानसिक स्थिति कैसी है
उपर से तर्क ये है कि ये तो कुछ लोग ही हैं जी…… तो भाई एक दुशासन ही था चीरहरण करने वाला…… मगर पूरी सभा सिर झुकाए ख़ामोश थी, अन्ततोगत्वा सब ने कर्मो का फल पाया ही था
अब या तो वे लोग अपने भीतर जरा दृष्टि उत्पन्न करें और अपने ईश्वर के अवतार और अभिन्न निमित्तोपादान रूप को पहचाने ।
या फिर ठीक से महाभारत पढ़ कर अपने भविष्य की ओर ध्यान कर लें
हालाँकि जो कुछ भी किताबी लोग कर रहे हैं वह किसी टूलकिट के आधार पर ही हो रहा है ।
अतः हम लोग इनसे पर्याप्त दूरी ही बना लें ।
उनको ये कभी न कभी जब ब्याज सहित वापस मिलेगा तब हमें ब्रह्म विवेचन समझाया जाएगा
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