तथाकथित भाईचारा
5:10 PMतथाकथित सामाजिक भाईचारा
dalitmuslim
उत्तरप्रदेश में दलितों को मुसलमानों द्वारा प्रेम व भाईचारे के संन्देश देने की की शुरुआत हो गयी है.
ताज़ा घटना सहारनपुर के एक मुस्लिम बहुल गांव की है,
जहां दलितों ने आंबेडकर जयंती की सर्वजन हिताय शोभायात्रा निकाली जो गांव मे सर्वसमाज को जोड़ने की नयी परम्परा डाले जाने की ईमानदार कोशिस थी .
मुसलमानों के तथाकथित दलित प्रेम के परिणाम स्वरूप जुलुस पर पुष्पवर्षा की जगह जमकर पथराव हुआ, दलितों व सामान्य वर्ग के हिन्दुओं की खूब पिटाई हुई.
शान्तिदूतों के जगजाहिर अगाध दलितप्रेम के बावजूद पुलिस ने दोनों तरफ के लोगों को दंगा करने के जुर्म में गिरफ्तार किया है.
मुल्ला मौलवी व सेक्युलर दीमकों ने ने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिस की
मगर परिणाम विपरीत आ लिए
कई प्रकार के नकाब उतर गये
परिणामत:
१-दलितों और मुसलमानों के बीच तथाकथित भाईचारे की कलई खुली
२-मुसलमानों के दलित बनाम स्वर्ण की घिनौनी खाई बनाने के बड़े षड़यंत्र का कामतमाम हो गया ,
३-दलितों को भाजपा सांसद का खुलकर समर्थन मिला
उनकी भी पिटाई हुई
दलितों को बसपा के वोटबैंक वाले ढोंग का पता चल गया
४-पुज्य आंबेडकर जी का पूरा जीवन भारतभक्ति व समाजसुधार को समर्पित होने के उपरांत भी उन्हे दंगों का आधार बना दिया.
आगे आगे देखिये, होता है क्या?
पर दलितों के सोकाल्ड विचारकों को कभी अक्ल नहीं आएगी.
वे तो आज भी शान्तिदूतों की चिकन बिरयानी के लोभ से बाहर न आ पाये
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